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सरकार द्वारा तीन कठिया व्यवस्था में जांच के संदर्भ में बनाए गए जांच आयोग में किसकों सदस्य बनाया गया था?

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जब बिहार में महात्मा गांधी के नेतृत्व में तीनकठिया पद्धति के खिलाफ चंपारण आंदोलन चल रहा था तब ब्रिटिश सरकार के द्वारा सर फ्रेंक स्लाई की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की जिसमें महात्मा गांधी, राजा हरिप्रसाद नारायण सिंह, एल सी आदामी, डी जे रीड और जी रेनी को शामिल किया गया ।

इस समिति ने किसानों की मांग को जायज माना और तिनकठिया पद्धति (3/20) को समाप्त कर दिया और अंग्रेज गोरे यहां से जमीन कारखाने बेचकर अपना बोरिया बिस्तर समेटकर यहां से चले गए।

“तीन कठिया व्यवस्था” (Three-Crop System) बिहार में गंगा के किनारे के क्षेत्रों में भूमि के पुनर्वितरण और उसकी खेती के संदर्भ में ब्रिटिश शासन के दौरान लाई गई एक व्यवस्था थी। इस संदर्भ में, तीन कठिया व्यवस्था किसानों को प्रति एकड़ केवल तीन कठ्ठा (लगभग 3/20 एकड़) भूमि पर खेती करने की अनुमति देती थी। यह व्यवस्था किसानों के अधिकारों और भूमि की उपज क्षमता को प्रभावित करती थी।

महात्मा गांधी को तीन कठिया व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन के दौरान जांच आयोग का सदस्य बनाया गया था। यह घटना 1917 में बिहार के चंपारण में घटित हुई, जहां गांधीजी ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। चंपारण के किसान नील की खेती की “तीन कठिया व्यवस्था” से पीड़ित थे, जिसमें उन्हें अपनी जमीन के 3/20 हिस्से पर जबरदस्ती नील की खेती करनी पड़ती थी। यह ब्रिटिश नील उत्पादकों के लाभ के लिए लागू किया गया था और किसानों पर भारी आर्थिक बोझ डालता था।

चंपारण सत्याग्रह और गांधी की भूमिका

1. किसानों की समस्याएं: किसानों को नील की खेती करनी पड़ती थी, जिससे उन्हें कम आय होती थी। जब नील का अंतर्राष्ट्रीय बाजार गिरा, तो ब्रिटिश बागान मालिकों ने नील की खेती की जबरदस्ती बंद कर दी लेकिन भारी कर वसूली जारी रखी।

2. गांधी का आगमन: 1917 में, स्थानीय नेताओं राजकुमार शुक्ल और अन्य ने गांधीजी को चंपारण आने का अनुरोध किया। गांधी ने किसानों की स्थिति का अध्ययन किया और स्थानीय प्रशासन को उनकी समस्याओं को सुनने के लिए मजबूर किया।

3. जांच आयोग में गांधी की नियुक्ति: ब्रिटिश सरकार ने किसानों की समस्याओं की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। इस आयोग में महात्मा गांधी को भी सदस्य बनाया गया। गांधी ने किसानों की गवाही ली और उनकी समस्याओं को विस्तार से प्रस्तुत किया। उनके सुझावों के आधार पर सरकार ने “तीन कठिया व्यवस्था” को समाप्त कर दिया।

4. परिणाम: चंपारण सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला बड़ा किसान आंदोलन बन गया। यह गांधी के नेतृत्व में सत्याग्रह की पहली सफलता थी।

गांधी का योगदान: महात्मा गांधी ने न केवल किसानों की समस्याओं को हल करवाया, बल्कि सत्याग्रह और अहिंसक आंदोलन का उदाहरण प्रस्तुत किया। चंपारण सत्याग्रह ने भारतीय जनता को यह दिखाया कि अहिंसक आंदोलन के माध्यम से भी अन्याय के खिलाफ लड़ा जा सकता है।

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