सही उत्तर – केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम के KTCT सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लॉन्च किया गया हैं। हम आज इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि भारत का पहला एआई शिक्षक किस प्रकार से कार्य करता है कौन-कौन सी इसकी विशेषता है उसके बारे में पूरी जानकारी आपको देंगे।
भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। केरल राज्य ने भारत के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षक ‘आइरिस’ को लॉन्च किया है। ‘आइरिस’ एक अत्याधुनिक ह्यूमनॉइड शिक्षक है, जो शिक्षा को एक नई दिशा देने के लिए तैयार है।
क्या है ‘आइरिस’?
आइरिस (IRIS) एक AI आधारित ह्यूमनॉइड शिक्षक है, जिसे मेकरलैब्स एडुटेक प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल में लॉन्च किया गया। यह तकनीक छात्रों को व्यक्तिगत और इंटरएक्टिव तरीके से पढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है।
आइरिस की प्रमुख विशेषताएं
1. भाषाई क्षमताएं: आइरिस तीन भाषाओं में संवाद करने में सक्षम है, जिससे यह देश के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों के लिए उपयोगी बनता है।
2. जटिल प्रश्नों के उत्तर: यह ह्यूमनॉइड शिक्षक छात्रों के जटिल प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी शंकाओं को दूर करता है।
3. इंटरएक्टिव शिक्षण: इसमें इंटरएक्टिव शिक्षण मॉड्यूल्स हैं, जो छात्रों के अनुभव को बेहतर और रोचक बनाते हैं।
4. हेरफेर क्षमता और गतिशीलता: आइरिस के पास वस्तुओं को पकड़ने और उनके साथ काम करने की क्षमता है। यह शिक्षण को अधिक व्यावहारिक और दृश्यात्मक बनाता है।
5. आवाज पहचान और अनुवाद: यह टेक्स्ट को आवाज में और आवाज को टेक्स्ट में बदलने की क्षमता रखता है, जिससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक प्रभावी होती है।
केरल में लॉन्च क्यों?
केरल लंबे समय से शिक्षा और तकनीकी नवाचार में अग्रणी रहा है। ‘आइरिस’ के लॉन्च के साथ, राज्य ने शिक्षा में तकनीकी एकीकरण के एक नए युग की शुरुआत की है। यह पहल केरल सरकार और शिक्षा क्षेत्र की आधुनिक सोच को दर्शाती है।
आइरिस का प्रभाव
शिक्षा में सुधार: यह तकनीक छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाएगी।
शिक्षकों की सहायता: यह न केवल शिक्षकों का कार्यभार कम करेगा, बल्कि उन्हें अधिक प्रभावी तरीके से पढ़ाने में मदद करेगा।
सभी के लिए शिक्षा: दूरदराज के क्षेत्रों में भी यह तकनीक समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में सहायक होगी।
भारत के लिए क्या है इसका महत्व?
आइरिस का लॉन्च केवल केरल तक सीमित नहीं रहेगा। यह भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांति की शुरुआत है। अन्य राज्यों में भी इसे अपनाने की योजना बनाई जा रही है। यह पहल दिखाती है कि कैसे AI और तकनीकी नवाचार पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों को बदल सकते हैं।
‘आइरिस’ के लॉन्च के साथ, भारत ने शिक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह न केवल छात्रों और शिक्षकों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और सुलभ बनाने में भी मदद करेगा। केरल का यह प्रयास भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
इस तकनीकी क्रांति का अनुभव करने के लिए, हम सभी को उत्सुकता से इसका परिणाम देखने की प्रतीक्षा है। ‘आइरिस’ के जरिए, भारत वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में एक नई पहचान बना सकता है।