(1) अब्दुल फजल (2) मानसिंह (3) हुसैन कुलीखां (4) बदायूंनी सही उत्तर – हुसैन कुलीखां के नेतृत्व में अकबर की शाही सी ने जोधपुर पर कब्जा कर लिया था।
हुसैन कुली खाँ मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में एक प्रमुख सेनापति और प्रशासक थे। उन्हें विशेष रूप से राजस्थान और पंजाब में अपने सैन्य अभियानों और प्रशासनिक कौशल के लिए जाना जाता है।
प्रारंभिक जीवन और करियर: हुसैन कुली खाँ ने मुगल सेना में अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं और अपनी वीरता और नेतृत्व क्षमता के कारण शीघ्र ही उच्च पदों पर आसीन हुए। अकबर ने उनकी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘खाँ’ की उपाधि प्रदान की और महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जागीरदारी सौंपी।
सैन्य अभियान: 1564 ईस्वी में, हुसैन कुली खाँ ने जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग पर आक्रमण किया, जहाँ राव चन्द्रसेन राठौड़ ने महीनों तक उनका सामना किया। इस संघर्ष में मुगलों को भारी क्षति उठानी पड़ी, जिसमें लगभग 300 सैनिक मारे गए।
प्रशासनिक भूमिका: हुसैन कुली खाँ को पंजाब का सूबेदार नियुक्त किया गया था, जहाँ उन्होंने प्रशासनिक सुधार किए और क्षेत्र में शांति स्थापित की। उन्होंने नगरकोट दुर्ग पर भी आक्रमण किया, लेकिन इब्राहीम हुसैन मिर्जा के विद्रोह के कारण घेरा उठाना पड़ा।
बंगाल में योगदान: कुछ स्रोतों में हुसैन कुली खाँ को बंगाल के पहले नवाब मुर्शिद कुली खाँ के साथ भ्रमित किया जाता है, जो 1717 से 1727 तक बंगाल के नवाब रहे। हालांकि, ये दोनों अलग-अलग व्यक्तित्व थे और उनके कार्यकाल एवं क्षेत्र भिन्न थे।
निधन: हुसैन कुली खाँ की मृत्यु के संबंध में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनके योगदान को मुगल इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
हुसैन कुली खाँ ने अपने सैन्य और प्रशासनिक कौशल से मुगल साम्राज्य की स्थिरता और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।