Udaipur News : पत्नी और मित्र ने पेश की मिसाल: दोस्तों ने मिलकर दिए 13 लाख से अधिक रुपए तो पत्नी ने पति को दी किडनी गींगला. (उदयपुर).कहते है कि इंसानियत ही इंसान के काम आती है और रिश्तों को कैसे निभाया जाता है इसी को चरितार्थ कर दिखाया बीमारी से जूझ रहे रोगी की पत्नी व उसके मित्रों ने। कुराबड़ तहसील के बुथेल गांव के अशोक सुथार (40) को पिछले चार साल से बीमारी ने ऐसा जकडा कि उसने हार नहीं मानी।
अशोक की दोनों किडनियां फेल होने की जानकारी जब उसके दोस्तों को मिली तो उनके पास पहुंचे और उन्हें हार नहीं मानने की बात कहते हुए हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाते हुए साथ खडे रहे। पत्नी तारा सुथार ने भी हौंसला बढाया। जब किडनी ट्रांसप्लांट की बात आई तो पत्नी तारा सुथार बेझिझक तैयार हो गई। गत आठ सितम्बर को अहमदाबाद में किडनी ट्रांसप्लांट हुई और अभी बेहतर स्वास्थ्य है।
जगदीश व हेमराज ने दी हर समय मदद: अशोक ने बताया कि मित्र हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। बम्बोरा निवासी जगदीश ने भाई से बढकर फर्ज निभाया। बीमारी का पता चला तब से किडनी ट्रांसप्लांट तक पूरा साथ दिया। बीएसएनएल में अकांउट ऑफिसर होते हुए भी हर समय अवकाश लेकर धैर्य बंधाते हुए साथ दिया। वही मल्लाडा निवासी हेमराज ने नौकरी छोड़ कर चार माह तक डायलिसिस के लिए घर से सेंटर तक ले जाने लाने में पूरा सहयोग किया। कमलेश सुथार गींगला अशोक सुथार व यशवंत सुथार गींगला व शांतिलाल वसू ने चार साल तक हर समय मेडिकल निगरानी कर साथ दिया।इन मित्रों ने की आर्थिक सहायता: अशोक सुथार को मित्र मंडली ऐसी मिली कि उसे कोई अहसास ही नहीं हुआ।
भंवर लाल सुथार अदवास, लक्ष्मीलाल सुथार करावली,, दलपत सिंह नाडोल,महावीर सालवी माकडसीमा,रमेश सिंघावली, , मांगी लाल सुथार बूथेल, घनश्याम वसू, , रूपलाल सुथार नईझर,मांगीलाल अमरपुरा,बंशीलाल खरका,भीमराज खरका, शांतिलाल करावली, दिलखुश सुथार बंबोरा ने आर्थिक सहायता की। दोस्तों का कहना है कि इससे बढकर जीवन में और कोई नहीं है। ऐसे में हमारा फर्ज निभाया है।