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तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ की घटना: सवालों के घेरे में प्रशासन और पवन कल्याण

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तिरुपति बालाजी मंदिर: जो आंध्र प्रदेश में स्थित है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, हाल ही में एक बड़ी त्रासदी का गवाह बना। मंदिर में हुई भगदड़ की घटना ने न केवल कई जिंदगियों को प्रभावित किया बल्कि प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर कर दिया।

घटना का विवरण

यह घटना 5 जनवरी 2025 को घटी, जब हजारों श्रद्धालु वार्षिक वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट लेने के लिए जमा हुए थे। टिकट वितरण केंद्र पर अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ की मृत्यु हो गई। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि आयोजन स्थल पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए थे।

पवन कल्याण पर उठे सवाल

भगदड़ के बाद, सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर जनसेना प्रमुख और लोकप्रिय अभिनेता पवन कल्याण पर तीखे सवाल उठाए गए। पवन कल्याण ने पिछले साल तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद पर बड़ा हंगामा किया था। उन्होंने उस समय मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोपों को लेकर प्रदर्शन किया और 11 दिनों तक उपवास की घोषणा भी की थी।

हालांकि, इस बार जब इतनी बड़ी घटना हुई, तब उन्होंने चुप्पी साध रखी है। यह चुप्पी न केवल उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि विपक्षी नेताओं और जनता द्वारा उनकी निष्क्रियता की कड़ी आलोचना की जा रही है।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

घटना के बाद, यह सवाल खड़ा हुआ कि प्रशासन ने पहले से ही उचित सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के उपाय क्यों नहीं किए। वैकुंठ द्वार दर्शन जैसे बड़े आयोजनों के लिए सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

https://twitter.com/AviralVarshney3/status/1877086844120100981?t=djM3OffDuesrw7KZcvm0Og&s=19

जनता की मांग

इस घटना के बाद जनता ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट और राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है।

1. सुरक्षा उपायों की मांग: लोग चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय किए जाएं।

2. जिम्मेदारियों का निर्धारण: प्रशासनिक अधिकारियों और आयोजनकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की जाए।

3. नेताओं की भूमिका पर सवाल: लोगों ने जनप्रतिनिधियों, विशेषकर पवन कल्याण जैसे प्रमुख चेहरों से तत्काल प्रतिक्रिया और मदद की उम्मीद की थी, जो पूरी नहीं हुई।

तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई भगदड़ एक दुखद और गंभीर घटना है, जिसने प्रशासन, राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि जनता की आस्था और सुरक्षा को लेकर सतर्कता कितनी जरूरी है।

आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व इस त्रासदी से सबक लेते हैं या फिर इसे भी अन्य मामलों की तरह भुला दिया जाएगा।

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