REET 2025:– शिक्षा और भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना किसी भी संस्थान की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने REET 2025 परीक्षा में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का इस्तेमाल किया। हालांकि, इस प्रक्रिया में एक बड़ी खामी सामने आई, जिसने पूरे चयन तंत्र को जटिलता में डाल दिया है।
समस्या की गहराई
परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी तो दर्ज की गई, लेकिन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास इन अभ्यर्थियों के फिंगरप्रिंट डेटा मौजूद नहीं हैं। यह तथ्य तब और चिंताजनक हो गया जब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को इन फिंगरप्रिंट डेटा की आवश्यकता पड़ी। चयन और सत्यापन प्रक्रिया में यह तकनीकी खामी बोर्ड के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
समाधान की दिशा में विचार
आधुनिक समय में तकनीक न केवल समस्या का कारण बन सकती है, बल्कि उसका समाधान भी प्रदान कर सकती है। इस मामले में आधार-आधारित बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन एक प्रभावी समाधान हो सकता है।
1. आधार-आधारित तकनीक का उपयोग:–
फिंगरप्रिंट और पहचान की सटीकता सुनिश्चित होगी।
फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की संभावना खत्म होगी।
2. डिजिटल सत्यापन प्रणाली:–
परीक्षा केंद्रों पर डेटा को रियल-टाइम में आधार सर्वर से जोड़ा जा सकता है।
इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि इसकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
3. भविष्य की योजना:–
परीक्षा प्रणाली को डिजिटल और सुरक्षित बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीकी उन्नयन।
सभी परीक्षा प्रक्रियाओं में आधार सत्यापन को अनिवार्य बनाना।

बोर्ड का पक्ष
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इस समस्या की गंभीरता को स्वीकार किया है और इसे जल्द से जल्द हल करने के लिए कदम उठाने की बात कही है। बोर्ड के सचिव के अनुसार, आधार-आधारित प्रणाली को लागू करने के लिए नियामक मंजूरी और संसाधनों की आवश्यकता है, जिस पर काम जारी है।
REET 2025 में बायोमेट्रिक प्रणाली में आई समस्या ने हमें यह याद दिलाया है कि किसी भी नई तकनीक को अपनाते समय उसकी कमियों और संभावित खतरों पर पहले से काम करना आवश्यक है। हालांकि यह खामी परीक्षा प्रणाली में अस्थायी अवरोध पैदा कर सकती है, लेकिन आधार-आधारित तकनीक जैसे ठोस समाधानों को लागू कर इसे स्थायी रूप से सुधारा जा सकता है।
शिक्षा और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए यह सही समय है कि हम डिजिटल समाधानों को प्राथमिकता दें। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल एक कुशल परीक्षा प्रणाली की ओर ले जाएंगे, बल्कि अभ्यर्थियों और समाज का विश्वास भी मजबूत करेंगे। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का यह प्रयास भविष्य में शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।