Rajasthan Election 2023: सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि हम दोनों के बीच प्यार-मोहब्बत मिसाल बन चुकी है। इससे विरोधी घबराए हुए हैं। rajasthan election 2023: राजस्थान के दौसा जिले में कांदोली सभा स्थल का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि हमेशा से दौसा जिला व आसपास का क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है और इसी गढ़ को और मजबूती देने प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi Rally In Sikrai ) आ रही हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है। हम सब मिलकर फिर से राजस्थान में सरकार बनाएंगे।
पार्टी के हित में है वह होना चाहिए
सचिन पायलट ने पत्रकारों से बातचीत में टिकट बंटवारे को लेकर कहा कि पिछले साल जो घटनाक्रम हुआ था। उसमें कुछ लोगों पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। इसके बावजूद सभी जिताऊ दावेदारों के प्रस्ताव का उन्होंने स्वागत किया है। मैंने किसी भी दावेदार का विरोध नहीं किया है। जो पार्टी के हित में है वह होना चाहिए। सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री पूर्व में ही कह चुके हैं कि हम दोनों के बीच प्यार-मोहब्बत मिसाल बन चुकी है। इससे विरोधी घबराए हुए हैं।
सीएम गलहोत की बात का मान जा रहा जवाब
सीएम गहलोत की ओर से दिए गए बयान ‘मुख्यमंत्री का पद उन्हें छोड़ता नहीं है’ के सवाल पर पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में कौन किस पद पर रहेगा यह कांग्रेस आलाकमान तय करता है। चुनाव के बाद सभी मिलकर तय करेंगे कि सीएम कौन होगा। इससे पहले गुरुवार को सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि उन्होंने सचिन पायलट गुट के एक भी विधायक का विरोध नहीं किया है। सभी को टिकट मिल रहा है। पायलट के इस बयान को सीएम गलहोत की बात का जवाब माना जा रहा है।
पहले से ज्यादा बहुमत मिलेगा
भाजपा पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि विपक्ष ना तो सदन से अंदर और ना बाहर कोई प्रभाव जनता पर छोड़ सका है। प्रदेश सरकार ने जनकल्याणरी योजनाएं बनाई है। जनता समझ गई है कि कांग्रेस ही विकल्प है। बीजेपी द्वारा कांग्रेस के विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों पर पायलट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर यह सब चलता रहता है। उन्होंने कहा कि हमने जो मुद्दे उठाए थे वो पार्टी ने स्वीकार किए। इस बार पहले से ज्यादा बहुमत मिलेगा।
पीएम मोदी ने पूरा नहीं किया वादा
ईआरसीपी को लेकर पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद अजमेर में राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था, लेकिन पांच साल बीत गए वादा पूरा नहीं किया। जनता और कांग्रेस उनसे अब सवाल पूछ रही है, लेकिन भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है। केन्द्र सरकार की बेरुखी रही। अब चुनाव आ गए हैं, इसलिए जनता को निर्णय करना है कि कौन जनकल्याणकारी योजनाएं बना रहा है।