मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2024: भारतीय खेलों के सर्वोच्च सम्मान के रूप में दिया जाता है। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को सम्मानित करता है, जिन्होंने अपने खेल के क्षेत्र में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए देश का मान बढ़ाया हो। वर्ष 2024 में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चार असाधारण खिलाड़ियों को चुना गया। आइए, इनके बारे में विस्तार से जानें।
1. मनु भाकर: ओलंपिक दोहरी पदक विजेता
मनु भाकर, हरियाणा की युवा निशानेबाज़, ने विश्व स्तर पर भारतीय तिरंगे को गौरवान्वित किया है। उनकी निशानेबाज़ी में कुशलता और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें 2024 ओलंपिक में दोहरे पदक दिलाए। मनु ने न केवल व्यक्तिगत प्रतियोगिताओं में बल्कि टीम स्पर्धाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनकी उपलब्धियों ने भारतीय महिलाओं को निशानेबाजी जैसे खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
2. गुकेश डी: शतरंज विश्व चैंपियन
गुकेश डी, भारत के युवा ग्रैंडमास्टर, ने 2024 में शतरंज के क्षेत्र में इतिहास रचते हुए विश्व चैंपियन का खिताब जीता। उनकी तेज़ सोच, अनूठी रणनीति और बेमिसाल बुद्धिमत्ता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। गुकेश, 18 वर्ष की आयु में यह खिताब जीतने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में से एक हैं। वह भारतीय शतरंज के भविष्य की आशा हैं और विश्व स्तर पर भारत को शतरंज महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
3. हरमनप्रीत सिंह: हॉकी टीम के कप्तान
हरमनप्रीत सिंह भारतीय पुरुष हॉकी टीम के प्रेरणादायक कप्तान हैं। 2024 में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने एशियाई खेलों और चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीते। हरमनप्रीत की ड्रैग-फ्लिकिंग की कुशलता और मैदान पर नेतृत्व क्षमता ने भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है। उनके नेतृत्व में टीम ने सामूहिक खेल की नई परिभाषा दी है और हॉकी में भारत की खोई हुई गरिमा को पुनर्स्थापित किया है।
4. प्रवीण कुमार: पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता
प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक 2024 में ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी लाखों दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। प्रवीण ने अपनी शारीरिक सीमाओं को अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता से पराजित किया। उनकी यह जीत भारतीय पैरालंपिक आंदोलन को एक नई दिशा देने का प्रतीक है।
मनु भाकर, गुकेश डी, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार की उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि मेहनत, समर्पण और अनुशासन के साथ असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2024 का यह चयन भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य की झलक प्रस्तुत करता है।