आज 28 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई इस बैठक का आयोजन जयपुर में किया गया था मुख्यमंत्री बच्चन लाल सरकार ने इस कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए हैं जो कि इस प्रकार है।
राजस्थान की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जो न केवल प्रशासनिक ढांचे को प्रभावित करेंगे, बल्कि राज्य की राजनीति में भी एक नई बहस छेड़ देंगे।
जिलों की पुनर्संरचना: एक बड़ा कदम
सबसे बड़ा फैसला रहा अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए 9 नए जिलों को रद्द करना। इन जिलों की स्थापना पर पहले ही कई सवाल खड़े किए जा रहे थे, और आज इनका अस्तित्व समाप्त कर दिया गया। अब राजस्थान में जिलों की संख्या 41 रह गई है। सरकार का तर्क है कि यह कदम प्रशासनिक खर्चों में कटौती और व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित करने के लिए उठाया गया है।
सीकर संभाग का अंत
बैठक में सीकर संभाग को समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया। इसे पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य का 10वां संभाग बनाया गया था। सरकार का मानना है कि इस संभाग की उपयोगिता उतनी नहीं थी, जितनी अपेक्षित थी। इस फैसले से प्रशासनिक कार्यों को केंद्रीकृत करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
CET परीक्षा: युवाओं को राहत
राज्य के लाखों युवाओं के लिए एक राहत भरी खबर आई। सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) की वैधता को 1 साल से बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है। यह बदलाव उन युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद नौकरी पाने में समय की कमी का सामना कर रहे थे।
भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार
कैबिनेट ने पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी और तेज़ बनाने पर जोर दिया। इससे योग्य उम्मीदवारों को समय पर मौका मिल सकेगा और राज्य में सुरक्षा बलों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा।
तबादलों पर लगी रोक हटी
राज्य में लंबे समय से तबादलों पर लगी रोक अब हटा दी गई है। सरकार का मानना है कि इस फैसले से प्रशासनिक गतिशीलता बढ़ेगी और कर्मचारियों को उनकी योग्यता के अनुसार नियुक्तियां मिल सकेंगी।
राजनीतिक संदर्भ
इन फैसलों को केवल प्रशासनिक कदमों तक सीमित नहीं देखा जा सकता। यह साफ है कि भजनलाल शर्मा सरकार अपने विरोधियों को स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि वह सिर्फ सत्ता में नहीं है, बल्कि बड़े बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, विपक्ष ने इन फैसलों को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताते हुए आलोचना की है।
जनता की उम्मीदें
इन फैसलों से यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार जनहित के मुद्दों को कितनी प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है। राजस्थान की जनता अब इन बदलावों के नतीजों का इंतजार कर रही है।
यह कैबिनेट बैठक राज्य के इतिहास में एक नए अध्याय के रूप में दर्ज होगी। आने वाले दिनों में इन फैसलों के दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे।