कानपुर में आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने कटे- फटे नोट बदलने वाले तीन व्यापारियों के पांच प्रतिष्ठानों पर छापे मारे। छापे के दौरान एक करोड़ 10 लाख की नई करेंसी और चांदी की 20 किलो की सिल्ली मिली। व्यापारी इस संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। खास बात यह रही कि कटे-फटे नोट का काम करने वाले इन कारोबारियों के यहां से पुराने नोट नहीं मिले। व्यापारियों के सालाना रिटर्न पांच लाख रुपये के दाखिल हो रहे थे।
आयकर अफसरों ने मंगलवार सुबह 5:30 बजे के करीब व्यापारी संजय गुप्ता के नौघड़ा स्थित घर और नयागंज के धनीराम बिल्डिंग स्थित दुकान, संजय जैन के कृष्णानगर स्थित घर और मोती बिल्डिंग स्थित दुकान व मनोज गुप्ता के प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। संजय गुप्ता के प्रतिष्ठान से एक करोड़ 10 लाख के नए नोट मिले और करीब 15 लाख 71 हजार कीमत की 20 किलो चांदी मिली। इसके अलावा चांदी के कुछ सिक्के भी मिले हैं। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी मिलने पर अफसरों ने नोट गिनने की मशीनें मंगवाकर गिनती की।
इसमें 20, 50, 100, 200 और 500 के नोट शामिल हैं। खास बात यह है कि सारे नए नोट हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच-पड़ताल में व्यापारियों के प्रतिष्ठानों से खरीद-बिक्री, लेजर संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिले। इतने बड़े पैमाने पर नई करेंसी कहां से आई, इसका भी जवाब नहीं दे सके। ऐसे बैंकों में सांठगांठ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि करोड़ों की नकदी मिली लेकिन तीनों के आयकर के सालाना रिटर्न पांच लाख रुपये (कर दायरे में न आने वाले) दाखिल किए जा रहे थे। देर शाम कार्रवाई खत्म कर दी गई।
30 घंटे तक चली कार्रवाई
आयकर अफसरों ने वित्तीय वर्ष की पहली कार्रवाई की। लगभग 30 घंटे तक कार्रवाई चली। वहीं मतदान से एक दिन पहले हुई कार्रवाई से शहर में हड़कंप की स्थिति बनी रही। जिन जगहों पर छापा मारा गया, वहां पर आसपास कपड़ा, सोना-चांदी, किराने का थोक का बड़ा बाजार है।
बैंकों की भूमिका संदिग्ध
छापे के दौरान केवल नए नोटों की गड्डियां मिलीं हैं। आयकर अफसरों का मानना है कि ये गडिड्यां बैंक के जरिये आई होंगी। हालांकि व्यापारियों ने इस संबंध में कुछ भी नहीं बताया है। सूत्रों का कहना है कि आम लोगों को अमूमन बैंकों से नई करेंसी नहीं मिलती है, जबकि व्यापारियों के पास नए नोटों के ढेर लगे हैं। सबसे ज्यादा 20 के नोटों की गड्डी मिली हैं। इनका इस्तेमाल सहालग नोटों की माला आदि में होता है। सूत्रों ने बताया कि बैंकों के कर्मचारियों की भूमिका भी जांची जा सकती है।
डिब्बा कारोबारी के प्रतिष्ठान पर मुंबई टीम का छापा
कटे-फटे नोट बदलने वाले व्यापारियों के यहां मिली 1.10 करोड़ की नई करेंसी व 20 किलो चांदीआयकर मुंबई की टीम ने बुधवार को स्वरूपनगर स्थित अचिंत्य सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में छापा मारा। कंपनी के निदेशक अभिषेक अग्रवाल, सुनील अग्रवाल और अर्पित अग्रवाल हैं। आयकर सूत्रों ने बताया कि यह कंपनी डिब्बा ट्रेडिंग के कारोबार में है। यानी शेयरों की कोई खरीद-फरोख्त दस्तावेजों पर नहीं होती है लेकिन लाभ-हानि दिखाया जाता है। बताया गया कि देर शाम तक यहां पर जांच-पड़ताल चलती रही।